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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

क्यों भूल रहे हैं भारतीय बेसिक चीज़ें जैसे जनरल नॉलेज, पहाड़े, और हैंडराइटिंग

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आजकल इंडिया में लोग बेसिक चीज़ें भूल रहे हैं। जैसे कि जनरल नॉलेज, पहाड़े (गुणन तालिका), और साफ हैंडराइटिंग। चाहे कोई बड़ा इंजीनियर हो, डॉक्टर हो, या लाखों-करोड़ों कमा रहा हो, कई लोग आसान सवालों के जवाब नहीं दे पाते। मिसाल के तौर पर, उन्हें नहीं पता कि हमारे शरीर की बेसिक यूनिट सेल (कोशिका) है। कुछ लोग ये भी नहीं जानते कि सोलर सिस्टम में सिर्फ एक स्टार (सूरज) है। सदी में कितने साल होते हैं? 100! लेकिन ये भी लोग भूल जाते हैं। इसके अलावा, 25 तक के पहाड़े याद नहीं रहते, और हैंडराइटिंग इतनी खराब है कि कोई पढ़ ही नहीं पाता। ऐसा क्यों हो रहा है? हम इसे कैसे ठीक कर सकते हैं? हम बताएँगे कि ये प्रॉब्लम क्यों है, ये ज़िंदगी को कैसे अफेक्ट करती है, और इसे फिक्स करने के आसान तरीके।

ये बेसिक स्किल्स क्या हैं?

पहले समझ लेते हैं कि हम किन चीज़ों की बात कर रहे हैं:

  1. जनरल नॉलेज: यानी दुनिया की आसान-सी बातें। जैसे:
    • सेल हमारे शरीर की बेसिक चीज़ है, जो हर इंसान, जानवर, और पौधे में होता है।
    • सोलर सिस्टम में एक स्टार (सूरज) और आठ प्लैनेट (जैसे अर्थ, मार्स) हैं।
    • एक सदी में 100 साल होते हैं।
    • और भी बातें, जैसे इंडिया का नेशनल एनिमल (बंगाल टाइगर) या सबसे लंबी रिवर (गंगा)।
  2. पहाड़े (गुणन तालिका): ये मैथ्स के बेसिक फैक्ट्स हैं, जैसे 2×3=6 या 15×7=105। 25 तक के पहाड़े (जैसे 20×20=400) जानने से रोज़ की लाइफ में हेल्प मिलती है, जैसे शॉपिंग या बजट बनाना।
  3. हैंडराइटिंग: यानी हाथ से साफ और अच्छा लिखना। अच्छी हैंडराइटिंग से नोट्स, लेटर, या एग्जाम के आन्सर पढ़ने में आसानी होती है।

स्कूल में ये सब सिखाया जाता है, लेकिन बड़ा होने पर लोग इन्हें भूल जाते हैं, चाहे वो कितने भी एजुकेटेड हों। चलो, देखते हैं ऐसा क्यों होता है।

जनरल नॉलेज क्यों भूल रहे हैं?

जनरल नॉलेज हमारी नॉलेज की बुनियाद है। ये हमें दुनिया समझने में हेल्प करता है। लेकिन आजकल लोग बेसिक बातें भूल रहे हैं। वजहें ये हैं:

1. सोशल मीडिया का ज़्यादा यूज़

लोग दिनभर इंस्टाग्राम, यूट्यूब, या टिकटॉक पर वीडियो देखते हैं। वहाँ डांस, मज़ाक, या सेलिब्रिटी की न्यूज़ मिलती है, लेकिन ज़रूरी बातें नहीं। मिसाल के लिए, कोई नया गाना गा लेगा, लेकिन ये नहीं पता कि सोलर सिस्टम में सिर्फ सूरज स्टार है। सोशल मीडिया टाइम खा लेता है, और लोग कुछ सीखते नहीं।

2. स्कूल में सिर्फ एग्जाम का फोकस

इंडिया में स्कूल बच्चों को एग्जाम पास करने के लिए पढ़ाते हैं। मैथ्स, साइंस, और इंग्लिश इम्पॉर्टेंट हैं, लेकिन जनरल नॉलेज जैसे हिस्ट्री या जियोग्राफी 5वीं-6ठी क्लास के बाद कम पढ़ाए जाते हैं। इसलिए बच्चे भूल जाते हैं कि इंडिया 1947 में आज़ाद हुआ या दुनिया का सबसे बड़ा डेज़र्ट अंटार्कटिका है। स्कूल बच्चों को लाइफटाइम सीखने की आदत नहीं डालते।

3. बिज़ी लाइफ

कई एजुकेटेड लोग IT, इंजीनियरिंग, या बिज़नेस में काम करते हैं। वे लाखों-करोड़ों कमाते हैं, लेकिन उनकी जॉब इतनी बिज़ी है कि किताब पढ़ने या नई बातें सीखने का टाइम नहीं। उन्हें लगता है कि जनरल नॉलेज जॉब में काम नहीं आएगा, तो वे भूल जाते हैं कि सेल शरीर में क्या काम करता है।

4. गूगल सब बता देता है

आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है। कुछ नहीं पता? गूगल कर लो! इससे लोग लेज़ी हो गए हैं। सदी में 100 साल क्यों याद रखें जब फोन बता देगा? धीरे-धीरे, लोग दिमाग में कुछ रखना ही बंद कर देते हैं।

5. कम इंटरेस्ट

पहले लोग नई चीज़ें सीखना पसंद करते थे। अखबार पढ़ते थे, दोस्तों से हिस्ट्री की बात करते थे। अब लोग फैशन, गैजेट्स, या रील्स में बिज़ी हैं। जैसा आपने कहा, “कपड़े छोटे हो रहे हैं,” यानी लोग दिखावे पर ज़्यादा ध्यान देते हैं। दुनिया की बातें जानने का इंटरेस्ट कम हो गया।

पहाड़े क्यों भूल रहे हैं?

पहाड़े मैथ्स का बेसिक पार्ट हैं। 25 तक के पहाड़े (जैसे 18×6=108 या 25×10=250) जानने से मैथ्स आसान और तेज़ हो जाता है। लेकिन कई लोग, जो अच्छे स्कूलों से पढ़े हैं, इन्हें याद नहीं रख पाते। क्यों?

1. कैलकुलेटर और फोन

हर कोई कैलकुलेटर या फोन से मैथ्स करता है। 22×4 चाहिए? फोन में डाल दो। इससे पहाड़ों का प्रैक्टिस नहीं होता, और लोग भूल जाते हैं। स्कूल में भी बच्चे बड़े नंबर के लिए कैलकुलेटर यूज़ करते हैं, तो पहाड़े बेकार लगते हैं।

2. स्कूल में प्रैक्टिस बंद

प्राइमरी स्कूल में बच्चे 2 से 20 तक पहाड़े रटते हैं। लेकिन 5वीं क्लास के बाद प्रैक्टिस कम हो जाता है। एलजेब्रा, ज्योमेट्री जैसे टॉपिक्स पढ़ाए जाते हैं। कॉलेज या जॉब तक लोग 17×8 (136) भूल जाते हैं। स्कूल याद रखने के लिए कुछ करता नहीं।

3. जॉब में ज़रूरत नहीं

कई अच्छी जॉब्स, जैसे कोडिंग या मार्केटिंग, में दिमागी मैथ्स की ज़रूरत नहीं। लोग कंप्यूटर या एक्सेल यूज़ करते हैं। तो वे सोचते हैं, “23×5 क्यों सीखें जब मशीन कर देगी?” इससे पहाड़े भूल जाते हैं।

4. दिमागी मैथ्स कम

पहले लोग दिमाग से मैथ्स करते थे। जैसे, शॉपिंग में बिल जोड़ना या डिस्काउंट निकालना। अब मशीनें ये काम करती हैं। कैशियर कंप्यूटर यूज़ करता है, ऑनलाइन शॉपिंग में ऐप टोटल बता देता है। इससे मैथ्स का प्रैक्टिस नहीं होता, और पहाड़े भूल जाते हैं।

5. सीखना बोरिंग

पहाड़े सीखना बोरिंग हो सकता है अगर सिर्फ रटना पड़े। स्कूल इसे गेम या ट्रिक से मज़ेदार नहीं बनाते। बच्चे एग्जाम के लिए सीखते हैं, लेकिन बाद में भूल जाते हैं क्योंकि मज़ा नहीं आया।

हैंडराइटिंग इतनी खराब क्यों?

पहले इंडिया में हैंडराइटिंग बहुत इम्पॉर्टेंट थी। टीचर बच्चों को साफ नोटबुक में लिखना सिखाते थे। लेकिन अब कई लोगों की, यहाँ तक कि पढ़े-लिखे लोगों की, हैंडराइटिंग बहुत खराब है। क्यों?

1. टाइपिंग ने लिखना कम किया

लोग फोन या लैपटॉप पर टाइप करते हैं। स्टूडेंट्स होमवर्क ऑनलाइन जमा करते हैं, वर्कर ईमेल भेजते हैं। हाथ से लिखना कम हो गया। बिना प्रैक्टिस के हैंडराइटिंग खराब हो जाती है। जैसे, डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन इतना खराब होता है कि मरीज़ पढ़ नहीं पाते।

2. स्कूल में कम ध्यान

पहले स्कूल में साफ हैंडराइटिंग के लिए मार्क्स मिलते थे। बच्चे रोज़ कर्सिव या प्रिंट लिखते थे। अब स्कूल आन्सर पर फोकस करते हैं, हैंडराइटिंग पर नहीं। डिजिटल एग्जाम्स भी बढ़ रहे हैं, तो बच्चे लिखना कम सीखते हैं। बड़े होने तक उनकी हैंडराइटिंग पढ़ना मुश्किल हो जाता है।

3. टाइम की कमी

अच्छी जॉब वाले लोग हमेशा जल्दी में रहते हैं। वे नोट्स जल्दी-जल्दी लिखते हैं, साफ नहीं। इससे हैंडराइटिंग खराब होती जाती है। एग्जाम में भी स्टूडेंट्स तेज़ी से लिखते हैं ताकि पेपर खत्म करें, न कि साफ लिखें।

4. सोशल मीडिया और ट्रेंड्स

जैसा आपने कहा, लोग ट्रेंड्स जैसे फैशन या रील्स में बिज़ी हैं। हैंडराइटिंग “कूल” नहीं है। कोई अपनी नोटबुक इंस्टाग्राम पर नहीं डालता। तो लोग इसे इम्प्रूव करने की कोशिश नहीं करते।

5. कोई नहीं टोकता

छोटे बच्चों को टीचर उनकी हैंडराइटिंग सुधारने को कहते हैं। लेकिन बड़ों को कोई नहीं टोकता। अगर उनकी राइटिंग खराब है, तो कोई कुछ कहता नहीं। वे गंदा लिखते रहते हैं, और ये और बिगड़ता है।

ये प्रॉब्लम्स क्यों इम्पॉर्टेंट हैं?

इन स्किल्स को खोना छोटी बात नहीं। ये हमारी लाइफ को कई तरीकों से अफेक्ट करते हैं। यहाँ बताया गया है कि जनरल नॉलेज, पहाड़े, और हैंडराइटिंग क्यों ज़रूरी हैं:

1. जनरल नॉलेज से दुनिया समझ आती है

बेसिक बातें जानने से आप स्मार्ट बनते हैं। जैसे:

  • ये जानना कि सेल शरीर की बेसिक यूनिट है, आपको अपनी हेल्थ का ध्यान रखने में हेल्प करता है।
  • सोलर सिस्टम में एक स्टार है, ये जानने से आप स्पेस में इंटरेस्ट लेते हैं।
  • सदी में 100 साल याद रखने से आप हिस्ट्री, जैसे 1947 की आज़ादी, समझते हैं। जनरल नॉलेज के बिना आप सोशल मीडिया की गलत बातों पर भरोसा कर सकते हैं या अच्छी बातचीत में हिस्सा नहीं ले पाते।

2. पहाड़े से मैथ्स आसान

पहाड़े आपको बिना फोन के तेज़ मैथ्स करने में हेल्प करते हैं। जैसे:

  • अगर आप जानते हैं कि 20×6=120, तो आप 20 चीज़ों की कीमत ₹6 प्रति चीज़ जल्दी जोड़ सकते हैं।
  • पहाड़े जॉब्स जैसे अकाउंटिंग या कुकिंग (रेसिपी को डबल करना) में काम आते हैं।
  • दिमागी मैथ्स आपका ब्रेन शार्प रखता है और टाइम बचाता है। अगर आप पहाड़े भूल जाते हैं, तो आप मशीनों पर डिपेंड हो जाते हैं, जिससे काम स्लो हो सकता है।

3. अच्छी हैंडराइटिंग से इम्प्रेशन बनता है

साफ हैंडराइटिंग अच्छा इम्प्रेशन डालती है। जैसे:

  • एग्जाम में साफ आन्सर टीचर आसानी से पढ़ते हैं, तो ज़्यादा मार्क्स मिल सकते हैं।
  • जॉब में साफ नोट्स या सिग्नेचर दिखाते हैं कि आप डिटेल्स का ध्यान रखते हैं।
  • हैंडराइटिंग इंडिया की कल्चर का हिस्सा है, जैसे देवनागरी या उर्दू कैलिग्राफी। इसे खोना हमारी हेरिटेज खोने जैसा है। खराब हैंडराइटिंग से गलतियाँ हो सकती हैं, जैसे फॉर्म में गलत नंबर या नोट जो कोई समझ न पाए।

4. ये स्किल्स डिसिप्लिन दिखाते हैं

नॉलेज, पहाड़े, या साफ राइटिंग सीखने में मेहनत लगती है। जो लोग इन्हें प्रैक्टिस करते हैं, वे डिसिप्लिन दिखाते हैं। ये लाइफ के बाकी पार्ट्स, जैसे जॉब या स्टडी, में हेल्प करता है। अगर आप बेसिक चीज़ें छोड़ देते हैं, तो बड़े गोल्स भी छोड़ सकते हैं।

ये प्रॉब्लम्स किस-किस को अफेक्ट करते हैं?

ये प्रॉब्लम्स इंडिया में कई लोगों को अफेक्ट करते हैं:

  • स्टूडेंट्स: बच्चे प्राइमरी स्कूल के बाद पहाड़े या बेसिक फैक्ट्स भूल जाते हैं। उनकी हैंडराइटिंग खराब हो जाती है क्योंकि वे ज़्यादा टाइप करते हैं।
  • वर्किंग लोग: लाखों-करोड़ों कमाने वाले भी बेसिक फैक्ट्स या पहाड़े नहीं जानते। उनकी हैंडराइटिंग खराब है क्योंकि वे कम लिखते हैं।
  • पेरेंट्स: कई मम्मी-पापा बच्चों के होमवर्क में हेल्प नहीं कर पाते क्योंकि वे ये स्किल्स भूल गए हैं।
  • टीचर्स: कुछ टीचर इन बेसिक चीज़ों को पढ़ाने में दिक्कत पाते हैं क्योंकि वे एग्जाम पर फोकस करते हैं।

यहाँ तक कि रिच और एजुकेटेड लोग भी इससे बचे नहीं हैं। मिसाल के लिए, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कूल ऐप्स बना सकता है, लेकिन नहीं जानता कि गंगा इंडिया की सबसे लंबी रिवर है। एक डॉक्टर लाइफ बचा सकता है, लेकिन उसकी हैंडराइटिंग कोई पढ़ नहीं पाता। ये दिखाता है कि पैसे या डिग्री से सब कुछ नहीं आता।

इन प्रॉब्लम्स को कैसे फिक्स करें?

अच्छी बात ये है कि हम इन स्किल्स को वापस ला सकते हैं। स्टूडेंट्स, पेरेंट्स, स्कूल्स, और सबके लिए आसान आइडियाज़:

1. जनरल नॉलेज इम्प्रूव करें

  • रोज़ पढ़ो: 10 मिनट अखबार, बुक, या साइंस, हिस्ट्री, इंडिया की वेबसाइट पढ़ो। जैसे, जानो कि स्काई नीली क्यों है (लाइट स्कैटरिंग की वजह से)।
  • स्मार्ट शोज़ देखो: रील्स की जगह “प्लैनेट अर्थ” या “कौन बनेगा करोड़पति” देखो।
  • क्विज़ खेलो: QuizUp जैसे ऐप्स यूज़ करो या फ्रेंड्स के साथ क्विज़ खेलो। सवाल पूछो, जैसे “इंडिया का नेशनल बर्ड क्या है?” (मोर)।
  • बातें करो: फैमिली के साथ सोलर सिस्टम या इंडियन हिस्ट्री की बात करो। ये सीखने को मज़ेदार बनाता है।
  • सोशल मीडिया सही यूज़ करो: X या इंस्टाग्राम पर नेशनल जियोग्राफिक इंडिया या इंडियन हिस्ट्री पेज फॉलो करो। वे रोज़ कूल फैक्ट्स शेयर करते हैं।

2. पहाड़े सीखो

  • रोज़ 5 मिनट प्रैक्टिस: 2 से 25 तक एक पहाड़ा बोलो या लिखो। आसान से शुरू करो (10×10=100) और फिर हार्ड (23×7=161)।
  • ट्रिक्स यूज़ करो: जैसे, 15×6 चाहिए? पहले 15×5=75, फिर 15 जोड़ो (75+15=90)। इससे बड़े पहाड़े आसान हो जाते हैं।
  • मैथ्स गेम्स खेलो: Mathletics या Number Ninja जैसे ऐप्स यूज़ करो। या फ्रेंड के साथ पहाड़ा रेस खेलो।
  • रोज़ की लाइफ में यूज़ करो: शॉपिंग में पहाड़े यूज़ करो। जैसे, 18 पेन ₹5 के हैं, तो 18×5=90।
  • पहाड़े लिखो: 20×1 से 20×25 तक लिखने से याद रहता है और हैंडराइटिंग भी इम्प्रूव होती है।

यहाँ एक क्विक पहाड़ा प्रैक्टिस के लिए:

  • 18x: 18, 36, 54, 72, 90, 108, 126, 144, 162, 180, 198, 216, 234, 252, 270, 288, 306, 324, 342, 360, 378, 396, 414, 432, 450.

3. हैंडराइटिंग ठीक करो

  • रोज़ प्रैक्टिस: एक पेज रोज़ लिखो। स्टोरी कॉपी करो, लेटर लिखो, या जनरल नॉलेज फैक्ट्स लिखो (जैसे “गंगा 2,525 किमी लंबी है”)।
  • वर्कशीट्स यूज़ करो: HandwritingWorksheets.com से फ्री शीट्स डाउनलोड करो। ये साफ लेटर्स लिखने में हेल्प करती हैं।
  • कर्सिव या देवनागरी सीखो: यूट्यूब पर कर्सिव राइटिंग या इंडियन स्क्रिप्ट्स के वीडियो देखो। प्रैक्टिस से राइटिंग खूबसूरत हो जाती है।
  • धीरे लिखो: जल्दी मत करो। हर लेटर साफ लिखो। टाइम के साथ आप तेज़ी से भी साफ लिख पाओगे।
  • फीडबैक लो: अपनी राइटिंग फ्रेंड या टीचर को दिखाओ। पूछो, “ये पढ़ा जा रहा है?” वे बताएँगे क्या ठीक करना है।

4. स्कूल्स के लिए चेंजेस

  • बेसिक्स ज़्यादा पढ़ाओ: स्कूल्स 10वीं क्लास तक पहाड़े और हैंडराइटिंग प्रैक्टिस करवाएँ, न कि सिर्फ 5वीं तक।
  • मज़ेदार बनाओ: गेम्स, क्विज़, या कैलिग्राफी क्लब्स से इन स्किल्स को इंटरेस्टिंग बनाओ। जैसे, “पहाड़ा चैंपियन” कॉन्टेस्ट बच्चों को एक्साइट करेगा।
  • साफ राइटिंग को रिवॉर्ड दो: एग्जाम में साफ हैंडराइटिंग के लिए एक्स्ट्रा मार्क्स दो। इससे स्टूडेंट्स कोशिश करेंगे।
  • जनरल नॉलेज जोड़ो: इंडियन कल्चर या साइंस पर एक सब्जेक्ट डालो ताकि बच्चे उत्सुक रहें।

5. सोसाइटी के लिए चेंजेस

  • सीखना कूल बनाओ: टीवी शोज़ या यूट्यूबर्स नॉलेज, मैथ्स, या हैंडराइटिंग को एक्साइटिंग बना सकते हैं। जैसे, X पर “25 का पहाड़ा साफ लिखो” चैलेंज वायरल हो सकता है।
  • पेरेंट्स लीड करें: मम्मी-पापा बच्चों के साथ सीखें। जैसे, पहाड़े प्रैक्टिस करें या स्टोरी लिखें।
  • कम्युनिटी इवेंट्स: स्कूल्स या टाउन में क्विज़ नाइट्स या हैंडराइटिंग कॉन्टेस्ट्स करो। ये लोगों को जोड़ता है।
  • सोशल मीडिया यूज़: फैक्ट्स शेयर करो, जैसे “जानते हो, सदी में 100 साल होते हैं?” या “22×5=110, ट्राई करो!” इससे नॉलेज फैलता है।

रियल लाइफ की मिसालें

कुछ स्टोरीज़ देखते हैं कि ये प्रॉब्लम्स लोगों को कैसे अफेक्ट करती हैं और वे कैसे इम्प्रूव कर सकते हैं:

स्टोरी 1: प्रिया, इंजीनियर

प्रिया 30 साल की है और हर महीने ₹2 लाख कमाती है। वो स्मार्ट है, लेकिन बेसिक फैक्ट्स भूल गई। एक दिन उसके बेटे ने पूछा, “हमारे शरीर की बेसिक चीज़ क्या है?” उसे नहीं पता था कि ये सेल है। उसे बेटे के मैथ्स होमवर्क में भी दिक्कत हुई क्योंकि 18 का पहाड़ा याद नहीं था। उसकी हैंडराइटिंग इतनी खराब थी कि बॉस उसके नोट्स पढ़ नहीं पाया। प्रिया ने चेंज करने का फैसला किया। उसने रोज़ एक साइंस फैक्ट पढ़ा, 5 मिनट पहाड़े प्रैक्टिस किए, और एक पेज साफ लिखा। छह महीने में वो बेटे के सवालों के जवाब दे पाई, 18×7=126 दिमाग से निकाला, और साफ नोट्स लिखने लगी।

स्टोरी 2: राज, स्टूडेंट

राज 8वीं क्लास में है। उसे यूट्यूब पसंद है, लेकिन उसे नहीं पता कि सोलर सिस्टम में एक स्टार है। 20×6 (120) याद नहीं, और टीचर उसकी खराब हैंडराइटिंग की शिकायत करते हैं। राज की मम्मी ने प्लान बनाया। उसने राज के साथ क्विज़ गेम्स खेले, जैसे “इंडिया की सबसे लंबी रिवर?” (गंगा)। उसे मैथ्स ऐप दिया। राज ने रोज़ एक पेज साफ लिखना शुरू किया। अब वो ज़्यादा फैक्ट्स जानता है, 20×10=200 बोल सकता है, और टीचर उसकी साफ कॉपी की तारीफ करते हैं।

स्टोरी 3: अनिल, बिज़नेसमैन

अनिल करोड़ों कमाता है, लेकिन उसे नहीं पता कि सदी में 100 साल होते हैं। वो हर चीज़ के लिए कैलकुलेटर यूज़ करता था, यहाँ तक कि 15×5 (75) के लिए। उसकी हैंडराइटिंग इतनी खराब थी कि स्टाफ उसके इंस्ट्रक्शन्स गलत समझता था। अनिल ने क्विज़ क्लब जॉइन किया और हिस्ट्री बुक पढ़ी। ड्राइविंग के टाइम पहाड़े बोलकर प्रैक्टिस की। उसने कैलिग्राफी क्लास भी ली। अब वो कूल फैक्ट्स जानता है, दिमाग से मैथ्स करता है, और साफ लिखता है, जिससे उसका काम आसान हो गया।

ये स्टोरीज़ दिखाती हैं कि कोई भी, चाहे किसी भी उम्र या जॉब का हो, इम्प्रूव कर सकता है।

हर किसी के लिए टिप्स

यहाँ कुछ क्विक टिप्स हैं जो आप आज से शुरू कर सकते हैं:

  • जनरल नॉलेज के लिए:
    • रोज़ एक फैक्ट सीखो। जैसे, “इंडिया की कैपिटल न्यू दिल्ली है।”
    • 10 मिनट न्यूज़ देखो, रील्स नहीं।
    • फ्रेंड्स से पूछो, “कोई कूल फैक्ट बताओ!”
  • पहाड़ों के लिए:
    • रोज़ एक पहाड़ा बोलो (19×1 से 19×25)।
    • Khan Academy जैसे ऐप्स यूज़ करो।
    • बस में वेट करते वक्त प्रैक्टिस करो।
  • हैंडराइटिंग के लिए:
    • रोज़ एक छोटा नोट लिखो, जैसे थैंक-यू लेटर।
    • अच्छा पेन यूज़ करो, लिखने में मज़ा आएगा।
    • कोई पोएम या स्टोरी कॉपी करो।

इंडिया के फ्यूचर के लिए ज़रूरी

इंडिया तेज़ी से ग्रो कर रहा है। हमारे लोग रॉकेट्स और ऐप्स बना रहे हैं। लेकिन अगर हम बेसिक स्किल्स भूल गए, तो कुछ खास खो देंगे। जनरल नॉलेज हमें अपने देश पर प्राउड फील कराता है, जैसे गंगा या आज़ादी की स्टोरी। पहाड़े हमें क्विक और इंडिपेंडेंट बनाते हैं। हैंडराइटिंग दिखाती है कि हम क्लैरिटी और कल्चर की वैल्यू करते हैं, जैसे हमारी खूबसूरत स्क्रिप्ट्स। ये स्किल्स पुराने नहीं हैं—ये हमारे मज़बूत फ्यूचर की जड़ें हैं।

अगर हम इन्हें वापस लाएँगे, तो स्टूडेंट्स स्कूल में बेहतर करेंगे। वर्कर्स जॉब में शार्प होंगे। पेरेंट्स बच्चों को अच्छे से पढ़ाएँगे। हर कोई कॉन्फिडेंट फील करेगा, न कि सिर्फ रिच या एजुकेटेड। बस छोटे स्टेप्स से शुरू करें, जैसे एक फैक्ट, एक पहाड़ा, या एक साफ पेज रोज़।

लास्ट में

आपने जो प्रॉब्लम्स बताए—जनरल नॉलेज, पहाड़े, और हैंडराइटिंग भूलना—वो रियल हैं। ये ज़्यादा सोशल मीडिया, एग्जाम का फोकस, और बेसिक्स की प्रैक्टिस न करने से हो रहा है। लेकिन हम इन्हें फिक्स कर सकते हैं। पढ़कर, क्विज़ खेलकर, मैथ्स प्रैक्टिस करके, और साफ लिखकर हर इंडियन बेहतर हो सकता है। स्कूल्स, पेरेंट्स, और सोसाइटी इन स्किल्स को मज़ेदार और इम्पॉर्टेंट बना सकते हैं। सिर्फ पैसा या ट्रेंड्स के पीछे मत भागो। नॉलेज, शार्पनेस, और अपने काम पर प्राइड के पीछे भागो।

आज से शुरू करो। सीखो कि सेल लाइफ की बेसिक यूनिट है। 25 का पहाड़ा बोलो (25, 50, 75…625)। एक साफ सेंटेंस लिखो। ये छोटे स्टेप्स आपको और इंडिया को स्ट्रॉन्ग बनाएँगे। सबसे पहले क्या सीखोगे?

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