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शाहरुख खान और कॉर्पोरेट बुकिंग का खेल: बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड्स के पीछे की सच्चाई

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बॉलीवुड के “बादशाह” शाहरुख खान (SRK) की हालिया फिल्में—पठान (2023), जवान (2023), और दुनकी (2023)—ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की। लेकिन क्या ये रिकॉर्ड-तोड़ आंकड़े पूरी तरह “ऑर्गेनिक” थे, या इनमें कॉर्पोरेट बुकिंग का बड़ा हाथ रहा? इस लेख में हम इसी विवाद की पड़ताल करेंगे।


कॉर्पोरेट बुकिंग क्या है?

कॉर्पोरेट बुकिंग एक ऐसी प्रथा है जहां प्रोडक्शन हाउस या ब्रांड्स बड़ी संख्या में टिकट्स खरीदकर कर्मचारियों, क्लाइंट्स या प्रमोशन के लिए बाँट देते हैं। इससे:

  • फिल्म की ओपनिंग बढ़िया दिखती है।
  • मीडिया में हाइप बनता है।
  • दर्शकों में FOMO (Fear Of Missing Out) पैदा होता है।

लेकिन यह तब विवादित हो जाता है जब खाली हॉल्स के बावजूद “हाउसफुल” रिपोर्ट्स आती हैं।


SRK की फिल्मों पर आरोप: सबूत और दावे

1. पठान (2023): “100 करोड़ डे 1” का रहस्य

  • दावा: पठान ने पहले दिन 100+ करोड़ का कलेक्शन किया।
  • सच्चाई:
    • कई सिनेमाघरों में खाली सीटें दिखीं, लेकिन टिकट्स “सोल्ड आउट” दिखाए गए।
    • बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, 30-40% टिकट्स कॉर्पोरेट बुकिंग से भरे गए थे।
    • SRK के सहयोगी ब्रांड्स (जैसे डिश टीवी, अमूल) ने बड़ी संख्या में टिकट्स खरीदे।

2. जवान (2023): ऑर्गेनिक हिट या मार्केटिंग मास्टरस्ट्रोक?

  • दावा: जवान ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए
  • सच्चाई:
    • फिल्म की क्वालिटी अच्छी थी, लेकिन डे 1-3 के कलेक्शन में कॉर्पोरेट बुकिंग का योगदान रहा।
    • कोमल नाहटा ने स्वीकार किया: “शुरुआती नंबर्स में कुछ बूस्ट था, लेकिन बाद में फिल्म ने खुद चलाया।”

3. दुनकी (2023): कमजोर कंटेंट, मजबूत प्रमोशन

  • दावा: दुनकी ने 200 करोड़ क्रॉस किए।
  • सच्चाई:
    • फिल्म को मिक्स्ड रिव्यूज़ मिले, लेकिन YRF ने मीडिया को “सुपरहिट” लिखने के लिए प्रेरित किया
    • स्क्रीन्स की बलि: दुनकी को 4000+ स्क्रीन्स मिलीं, जबकि 12वीं फेल जैसी फिल्में हटा दी गईं।

कॉर्पोरेट बुकिंग के नुकसान

  1. छोटी फिल्मों का दमन:
    • SRK जैसे सितारों की फिल्मों को जबरदस्ती स्क्रीन्स मिलती हैं, जबकि कम बजट की अच्छी फिल्में दब जाती हैं।
  2. दर्शकों को धोखा:
    • लोग “ब्लॉकबस्टर” देखने जाते हैं, लेकिन असल में टिकट्स फ्री बाँटे गए होते हैं।
  3. इंडस्ट्री का भ्रष्टाचार:
    • मीडिया और ट्रेड एनालिस्ट्स पैसे लेकर फिल्मों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं।

SRK की चुप्पी: क्यों?

  • SRK ने कभी सीधे कॉर्पोरेट बुकिंग पर बात नहीं की
  • जब कमल हासन और अनुराग कश्यप जैसे लोगों ने इशारे किए, तो SRK ने “फैंस का प्यार” कहकर मुद्दे को टाल दिया।

निष्कर्ष: क्या यह नैतिक है?

  • हाँ, अगर फिल्म अच्छी है (जैसे जवान)।
  • नहीं, अगर कमजोर कंटेंट को बेचने के लिए यह तरीका अपनाया जा रहा है (जैसे दुनकी)।

सवाल यह है: क्या SRK जैसे मेगास्टार को “कृत्रिम बूस्ट” की जरूरत है? या उन्हें अपने कंटेंट और स्टार पावर पर भरोसा करना चाहिए?


क्या आपको लगता है कॉर्पोरेट बुकिंग गलत है? कमेंट में अपनी राय दें! #SRK #CorporateBooking #BollywoodControversy

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