बोहाग बिहू, जिसे रोंगाली बिहू भी कहा जाता है, असम का प्रमुख त्योहार है जो असमिया नववर्ष और वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। यह उत्सव 14 अप्रैल 2025 से शुरू होकर लगभग सात दिनों तक चलता है, इस दौरान असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कृषि परंपराओं का जश्न मनाया जाता है।

उत्सव की तिथियां और अवधि
2025 में, बोहाग बिहू 14 अप्रैल से शुरू होकर 20 अप्रैल तक मनाया जाएगा। मुख्य उत्सव आमतौर पर बोहाग संक्रांति के साथ मेल खाता है, जो असमिया कैलेंडर के अनुसार नए महीने की शुरुआत को दर्शाता है।
उत्सव का महत्व
बोहाग बिहू असमिया संस्कृति में गहरे निहित है, जो कृषि चक्र, वसंत के आगमन और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार समुदाय को एकजुट करता है, जाति, धर्म या पृष्ठभूमि से परे, और क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद एक साझा पहचान को बढ़ावा देता है।
सात दिवसीय उत्सव
बोहाग बिहू उत्सव को सात चरणों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है:
- चोत बिहू (Raati Bihu): उत्सव की शुरुआत बोहाग माह की पहली रात से होती है, जब युवा समूह खुले स्थानों में बihu गीत और नृत्य प्रस्तुत करते हैं, समुदाय की एकता और खुशी को दर्शाते हैं।
- गोरु बिहू (Goru Bihu): असमिया नववर्ष की पूर्व संध्या पर, इस दिन को मवेशियों की पूजा और स्नान के लिए समर्पित किया जाता है, कृषि समुदाय के लिए उनकी महत्ता को मान्यता देते हुए।
- मनु बिहू (Manuh Bihu): असली नववर्ष दिवस, जब लोग नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों की सफाई करते हैं और बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके पास जाते हैं, पारिवारिक संबंधों को मजबूत करते हैं।
- कुटुम बिहू (Kutum Bihu): इस दिन, लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलते हैं, साथ में भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियां साझा करते हैं, सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देते हैं।
- मेल बिहू (Mela Bihu): एक सार्वजनिक उत्सव, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल और मेलों का आयोजन होता है, समुदाय की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाते हैं।
- सेरा बिहू (Sera Bihu): उत्सव का समापन, जब लोग एक-दूसरे को पिट्ठा (पारंपरिक मिठाई) और अन्य व्यंजन भेजते हैं, और आगामी वर्ष के लिए शुभकामनाएं साझा करते हैं।

सांस्कृतिक गतिविधियां
पूरे उत्सव के दौरान, असमिया लोक गीत ‘बिहू गीत’ और नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। पारंपरिक व्यंजन जैसे पिट्ठा, लारू, और विभिन्न प्रकार के चाय और शराब का आनंद लिया जाता है, जो समुदाय की आतिथ्य और विविधता को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष
बोहाग बिहू न केवल असमिया नववर्ष का प्रतीक है, बल्कि यह असम की सांस्कृतिक विविधता, कृषि परंपराओं और सामूहिक खुशी का उत्सव भी है। यह त्योहार राज्य के लोगों की एकता, परंपरा और जीवन के प्रति उत्साह को प्रतिबिंबित करता है, जो आने वाले वर्ष में समृद्धि और खुशी की कामना करता है।