भारत में बड़ी समस्या
लंबा दर्द भारत में बहुत लोगों की परेशानी है। ये सिर्फ शरीर को नहीं, मन को भी दुख देता है। डॉक्टरों का कहना है कि खुदकुशी के खतरे को जांचने में लंबे दर्द को भी देखना चाहिए। इससे जिंदगियां बच सकती हैं। न्यूज टुडे इंडिया इसे आसान हिंदी में समझाता है, ताकि सबको पता चले ये क्यों जरूरी है।
लंबा दर्द क्या है?
लंबा दर्द वो है जो तीन महीने से ज्यादा रहता है। ये पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द या पुरानी चोट से हो सकता है। छोटा दर्द ठीक हो जाता है, लेकिन लंबा दर्द रुकता नहीं। इससे काम करना, सोना या परिवार के साथ हंसना मुश्किल हो जाता है।
भारत में 19-35% लोग लंबे दर्द में जीते हैं। यानी लाखों लोग हर दिन इस तकलीफ को झेलते हैं। ये ऐसा है जैसे हमेशा भारी बोझ उठाना पड़े।
लंबा दर्द मन को कैसे दुख देता है?
लंबा दर्द सिर्फ शरीर को नहीं, मन को भी चोट पहुंचाता है। ऐसे लोग अक्सर:
- उदास या दुखी रहते हैं: दर्द की वजह से जिंदगी का मजा नहीं आता।
- अकेला महसूस करते हैं: दर्द की वजह से दोस्तों या परिवार से कम मिलते हैं।
- निराश हो जाते हैं: जब दर्द खत्म नहीं होता, तो लगता है कुछ अच्छा नहीं होगा।
डॉक्टर बताते हैं कि लंबे दर्द वाले लोग दूसरों से 2-3 गुना ज्यादा खुदकुशी के बारे में सोचते हैं। ये बताता है कि दर्द कितना गंभीर है।
डॉक्टर इसे क्यों नहीं समझ पाते?
खुदकुशी के खतरे की जांच में डॉक्टर अक्सर उदासी या तनाव देखते हैं। लेकिन लंबे दर्द को भूल जाते हैं। कारण ये हैं:
- अलग-अलग डॉक्टर: भारत में शरीर का दर्द एक डॉक्टर देखता है, मन की बात दूसरा। इससे पूरी बात समझ नहीं आती।
- कम ट्रेनिंग: बहुत से डॉक्टरों को नहीं पता कि दर्द मन को कैसे दुखी करता है।
- खुलकर न बोलना: भारत में लोग मन की बात या खुदकुशी जैसे मुद्दों पर शरमाते हैं। न वो बताते हैं, न डॉक्टर पूछते हैं।
इसलिए लंबे दर्द वाले कई लोगों को सही मदद नहीं मिलती।
लंबा दर्द खुदकुशी की जांच में क्यों जरूरी?
डॉक्टरों का कहना है कि लंबे दर्द को खुदकुशी की जांच में शामिल करना चाहिए। ये जरूरी है क्योंकि:
- जल्दी पता चलना: दर्द के बारे में पूछने से समझ आता है कि कोई परेशान तो नहीं।
- बेहतर इलाज: दर्द और मन दोनों का इलाज करने से जिंदगी आसान होती है।
- जिंदगियां बचाना: दर्द और खुदकुशी का रिश्ता समझने से मौतें रोकी जा सकती हैं।
मिसाल के लिए, अगर किसी को हमेशा घुटनों में दर्द रहता है और वो निराश है, तो डॉक्टर दर्द और मन की बात पूछकर दवा या सलाह दे सकता है।
लंबे दर्द की मदद में क्या दिक्कतें हैं?
भारत में लंबे दर्द की मदद करना आसान नहीं। ये हैं कुछ समस्याएं:
- कम डॉक्टर: दर्द या मन के डॉक्टर बहुत कम हैं। हर एक लाख लोगों के लिए सिर्फ 0.3 मन के डॉक्टर हैं।
- दवाओं की दिक्कत: कुछ दवाएं जैसे ओपिऑइड दर्द कम करती हैं, लेकिन भारत में सख्त नियमों से ये मिलना मुश्किल है।
- दूसरे इलाज का अभाव: बातचीत की थेरेपी, योगा या हल्की कसरत मदद कर सकती है, लेकिन ये हर जगह नहीं मिलते और महंगे हैं।
- जानकारी की कमी: बहुत लोग नहीं जानते कि लंबा दर्द मन को बीमार कर सकता है। वो मदद मांगने में शरमाते हैं।
ये समस्याएं लोगों को बेहतर होने से रोकती हैं।
क्या किया जा सकता है?
डॉक्टरों के पास कुछ आसान उपाय हैं:
- दर्द की जांच:
- डॉक्टरों को पूछना चाहिए, “आपको दर्द कब से है?” या “क्या दर्द से आप उदास हैं?” ये सवाल मदद कर सकते हैं।
- दर्द को 1 से 10 तक नंबर देने जैसे आसान तरीके इस्तेमाल हो सकते हैं।
- डॉक्टरों को सिखाना:
- आम डॉक्टर, जो ज्यादातर मरीज देखते हैं, उन्हें दर्द और मन का रिश्ता समझना चाहिए।
- छोटी ट्रेनिंग या ऑनलाइन क्लास से ये हो सकता है।
- सब मिलकर काम करें:
- दर्द के डॉक्टर, मन के डॉक्टर और आम डॉक्टर को साथ काम करना चाहिए। जैसे, सिरदर्द वाले को दवा और तनाव की सलाह दोनों मिले।
- ऑनलाइन डॉक्टर बातचीत से गांवों में मदद पहुंच सकती है।
- लोगों को बताना:
- स्कूल, ऑफिस और मोहल्लों में बताना चाहिए कि लंबा दर्द गंभीर है। मदद मांगना ठीक है।
- मन की बात पर शरम कम करने से लोग खुलकर बोलेंगे।
- और इलाज देना:
- बातचीत की थेरेपी, ध्यान या हल्की कसरत दर्द और मन को ठीक कर सकती है।
- सरकार इसे सस्ता और हर जगह उपलब्ध करा सकती है।
- मरीज और परिवार की मदद:
- दर्द की बात करने वाले ग्रुप बनाए जाएं, ताकि लोग अकेला न महसूस करें।
- परिवार वाले सुनकर या छोटे कामों में मदद कर सकते हैं।
भारत के लिए ये क्यों जरूरी?
भारत में खुदकुशी बढ़ रही है। हर एक लाख में 16 लोग खुदकुशी करते हैं, जो दुनिया के औसत से ज्यादा है। लंबा दर्द लाखों लोगों को है। इसे नजरअंदाज करने से जिंदगियां जा सकती हैं। दर्द को जांचने से भारत में लोग स्वस्थ और खुश रह सकते हैं।
आप क्या कर सकते हैं?
अगर आपको या किसी अपने को लंबा दर्द है, तो ये करें:
- डॉक्टर से बात करें: दर्द और मन की बात खुलकर बताएं। उदास होने की बात कहने में डर न लगे।
- ग्रुप जॉइन करें: ऐसे लोग ढूंढें जो आपकी तरह दर्द में हैं। बात करने से मन हल्का होता है।
- छोटे कदम उठाएं: हल्की सैर, गहरी सांस या दोस्त से बात करने से फर्क पड़ता है।
- बात फैलाएं: लंबे दर्द और मन की सेहत के बारे में दूसरों को बताएं।
आखिरी बात
लंबा दर्द सिर्फ शरीर की तकलीफ नहीं—ये मन को भी दुख देता है। खुदकुशी की जांच में दर्द को देखने से लोग बेहतर हो सकते हैं और जिंदगियां बच सकती हैं। न्यूज टुडे इंडिया चाहता है कि डॉक्टर, सरकार और परिवार इस पर ध्यान दें। आइए, मिलकर भारत को स्वस्थ बनाएं।