केरल के बाद एक दिन में, 35 साल में सबसे तेज़
मॉनसून जल्दी क्यों आया?
मॉनसून 25 मई 2025 को महाराष्ट्र पहुंचा, जो केरल में 24 मई को आने के ठीक एक दिन बाद है। मौसम विभाग का कहना है कि यह 15 साल में पहली बार है जब मॉनसून इतनी तेजी से केरल से महाराष्ट्र पहुंचा। इससे पहले 1990 में मॉनसून 20 मई को महाराष्ट्र आया था, जो अब तक का रिकॉर्ड था। इस बार मॉनसून जल्दी आने की वजह खास मौसम की स्थिति है। अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बना, जिसने बारिश की हवाओं को महाराष्ट्र की ओर खींचा। साथ ही, तेज पश्चिमी हवाओं ने बारिश के बादलों को और तेजी से आगे बढ़ाया।
मॉनसून अब कहां-कहां पहुंचा?
25 मई 2025 को मॉनसून इन जगहों पर पहुंच गया:
- अरब सागर के कुछ हिस्से
- महाराष्ट्र का कोंकण इलाका
- कर्नाटक और गोवा
- नॉर्थ-ईस्ट के कुछ राज्य जैसे मिजोरम, मणिपुर, और नगालैंड
मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून 28 मई तक मुंबई पहुंच सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो यह मुंबई में 70 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ देगा, क्योंकि 1956 में मॉनसून 29 मई को आया था। मुंबई में पहले से ही तेज प्री-मॉनसून बारिश हो रही है, यानी शहर पहले से गीला हो रहा है।
केरल में भारी बारिश का अलर्ट
केरल, जहां मॉनसून सबसे पहले आया, वहां बहुत तेज बारिश हो रही है। कोझिकोड और वायनाड में इतनी भारी बारिश हुई कि मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया। रेड अलर्ट का मतलब है कि बाढ़ या दूसरी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए लोगों को सावधान रहना होगा। 26 मई 2025 को इन इलाकों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए, सिवाय उन जगहों के जहां पहले से तय परीक्षाएं थीं। यह दिखाता है कि इस बार मॉनसून बहुत ताकतवर है।
महाराष्ट्र के लिए इसका क्या मतलब है?
महाराष्ट्र के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। मॉनसून की बारिश से चावल, मक्का, और दाल जैसी फसलें (जिन्हें खरीफ फसल कहते हैं) उगाई जाती हैं। जल्दी बारिश का मतलब है कि किसान जल्दी बुआई शुरू कर सकते हैं, जिससे फसल अच्छी हो सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 2025 में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी, जिससे भारत में 2025-26 में 354 मिलियन टन अनाज पैदा हो सकता है।
लेकिन भारी बारिश से परेशानी भी हो सकती है, खासकर मुंबई जैसे शहरों में। कोंकण तट और मुंबई में पहले से ही तेज प्री-मॉनसून बारिश हो रही है। अगर मॉनसून और ज्यादा बारिश लाएगा, तो निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। इससे सड़कों पर पानी भर सकता है, ट्रैफिक रुक सकता है, और घरों या सड़कों को नुकसान हो सकता है।
पहले के मॉनसून से तुलना
1990 में मॉनसून 20 मई को महाराष्ट्र पहुंचा था, जो 35 साल पहले की बात है। केरल में इस बार मॉनसून 24 मई को आया, जो जल्दी है, लेकिन सबसे जल्दी नहीं। 1990 में यह 19 मई को और 1918 में 11 मई को केरल पहुंचा था। यानी 2025 का मॉनसून खास है, लेकिन ऐसा पहले भी हुआ है।
आगे क्या होगा?
मौसम विभाग का कहना है कि 27 मई 2025 के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इससे मॉनसून और ताकतवर हो सकता है, और महाराष्ट्र, कर्नाटक, और दूसरी जगहों पर और बारिश हो सकती है। खासकर तटीय इलाकों में अगले कुछ दिनों में तेज बारिश हो सकती है। मुंबई और आसपास के लोग गीले मौसम के लिए तैयार रहें।
सुरक्षित रहें और तैयार रहें
जल्दी मॉनसून रोमांचक है, लेकिन इसके लिए तैयार रहना जरूरी है। कुछ सुझाव:
- किसानों के लिए: खेतों को बुआई के लिए तैयार करें, लेकिन ज्यादा बारिश से फसलों को बचाएं।
- शहरवासियों के लिए: छाता और रेनकोट साथ रखें। मौसम की खबरों पर नजर रखें, खासकर मुंबई और कोंकण में।
- यात्रियों के लिए: सड़कों पर सावधानी बरतें, क्योंकि बारिश से ड्राइविंग मुश्किल हो सकती है।
2025 का मॉनसून तेज शुरुआत के साथ आया है, और यह फायदे के साथ-साथ चुनौतियां भी ला रहा है। न्यूज़ टुडे इंडिया पर मॉनसून की ताजा खबरों के लिए बने रहें!