“मैंने सोचा था, यह सिर्फ एक छोटी सी गांठ है… लेकिन डॉक्टर की आवाज़ कांप रही थी जब उसने कहा – ‘यह कैंसर है।'”
ये शब्द हैं रिया शर्मा (32 वर्ष) के, जिन्होंने स्तन कैंसर को हराया। उनकी कहानी, और ऐसे ही लाखों लोगों की ज़िंदगियाँ, हमें यह सिखाती हैं कि कैंसर अगर समय रहते पकड़ में आ जाए, तो हारना जरूरी नहीं।
कैंसर क्या है? – शरीर का “अपना ही सैनिक” बन जाता है दुश्मन
कल्पना कीजिए, आपके शरीर की कोशिकाएं (cells) एक छोटे से कारखाने की तरह काम करती हैं। ये बढ़ती हैं, बूढ़ी होती हैं, और फिर नई कोशिकाएं उनकी जगह ले लेती हैं। लेकिन कैंसर तब होता है, जब यह सिस्टम फेल हो जाता है।
- कुछ कोशिकाएं “पागल” होकर अनियंत्रित बढ़ने लगती हैं।
- ये आसपास के टिशूज़ पर हमला कर देती हैं।
- खून के जरिए शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल (मेटास्टेसाइज़) भी सकती हैं।
“कैंसर कोशिकाएं अमर हो जाती हैं – ये मरती नहीं, बस बढ़ती जाती हैं।”
कैंसर का दुश्मन कौन है? – वो 5 चीजें जो इसे बुलावा देती हैं
- धूम्रपान और तंबाकू – फेफड़ों, मुंह, गले के कैंसर का सबसे बड़ा कारण।
- अनहेल्दी खानपान – प्रोसेस्ड मीट, ज्यादा शुगर, कम फाइबर वाला आहार।
- जेनेटिक्स – अगर परिवार में किसी को हुआ हो (BRCA जीन)।
- इंफेक्शन – HPV (सर्वाइकल कैंसर), हेपेटाइटिस B (लिवर कैंसर)।
- प्रदूषण और रसायन – कीटनाशक, फैक्ट्री का धुआं, UV किरणें।
कहानी से सीख:
“मेरे पापा को लंग कैंसर हुआ था। 30 साल सिगरेट पीने की आदत ने उनकी जान ले ली।” – राजीव मेहरा, दिल्ली
कैसे पहचानें? – ये 7 संकेत बचा सकते हैं आपकी जान
- शरीर में कोई गांठ – स्तन, अंडकोष, गर्दन में।
- लंबे समय तक खांसी – खून आना (फेफड़ों का कैंसर)।
- वजन अचानक कम होना – बिना डाइटिंग या एक्सरसाइज के।
- निगलने में तकलीफ – गले या पेट का कैंसर।
- मल/पेशाब में खून – कोलन या ब्लैडर कैंसर।
- त्वचा पर बदलाव – तिल का आकार/रंग बदलना।
- थकान जो दूर न हो – बिना वजह की कमजोरी।
“मैंने अपने स्तन में गांठ को 6 महीने नजरअंदाज किया… जब दर्द असहनीय हुआ, तब पता चला कि कैंसर Stage 3 तक पहुंच चुका है।” – प्रियंका, मुंबई
कैंसर से कैसे लड़ें? – 4 मुख्य हथियार
1. कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- क्या है? दवाओं से कैंसर कोशिकाओं को मारना।
- साइड इफेक्ट्स: बाल झड़ना, कमजोरी, मतली।
2. रेडिएशन थेरेपी
- क्या है? हाई-एनर्जी किरणों से ट्यूमर को नष्ट करना।
- साइड इफेक्ट्स: त्वचा में जलन, थकान।
3. सर्जरी
- क्या है? ऑपरेशन से ट्यूमर निकालना (जैसे मास्टेक्टॉमी)।
4. इम्यूनोथेरेपी
- क्या है? शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना।
कहानी से सीख:
“मैंने 8 महीने की कीमो ली। हर सत्र के बाद उल्टियां होती थीं, लेकिन मैं जीवन से हारना नहीं चाहती थी। आज मैं कैंसर-फ्री हूँ!” – अनुपमा, बैंगलोर
कैसे बचें? – 5 सुनहरे नियम
- धूम्रपान/तंबाकू छोड़ें – फेफड़ों का कैंसर 90% इसी से होता है।
- हेल्दी डाइट लें – हरी सब्जियाँ, फल, अंकुरित अनाज।
- एक्टिव रहें – रोज 30 मिनट वॉक/योग।
- स्क्रीनिंग करवाएँ – मैमोग्राम, पैप टेस्ट, PSA टेस्ट।
- सनस्क्रीन लगाएं – स्किन कैंसर से बचाव।
अंतिम शब्द: “हार मत मानो!”
कैंसर डरावना है, लेकिन अजेय नहीं। आधुनिक विज्ञान ने इलाज के ऐसे तरीके खोज लिए हैं कि शुरुआती स्टेज में पकड़े जाने पर 80-90% मरीज ठीक हो जाते हैं।
“मैं जीत चुकी हूँ… आप भी जीत सकते हैं। बस एक छोटी सी गांठ को भी नजरअंदाज न करें।” – रिया शर्मा, कैंसर सर्वाइवर
क्या आप या आपके कोई जानने वाले कैंसर से लड़ रहे हैं?
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